मृत्यु का मौन
शोर गूँज रहा, मृत्यु के मौन सा आँख अब नम नहीं बुझ गया आँसू का जो दौर था चमक नगरी की चौंध में हाथ तुमने सेक लिए उस ठंडी चिता की आग देख नैन क्यों फ़ेर दिए राम का सा राज्य था रावण भी मर्यादा में रहता ये कौन राम राज्य है जहाँ आदमी राक्षस… Read More मृत्यु का मौन